नेल्सन मंडेला से जुड़ी प्रमुख तिथियां
-
1918 पूर्वी केपटाउन में जन्म
-
1943 अफ्रीकी नेशनल कॉन्ग्रेस से जुड़े
-
1956 देशद्रोह का आरोप लगा, लेकिन बाद में ये वापस ले लिया गया
-
1962 गिरफ़्तार हुए, तोड़-फोड़ का दोषी पाया गया. पांच साल कैद
-
1964 दोबारा दोषी पाए गए, आजीवन कारावास की सज़ा
-
1990 जेल से छूटे
-
1993 शांति के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित
-
1994 पहले काले राष्ट्रपति चुने गए
-
1999 नेता के रूप में पद छोड़ दिया.
-
2004 सार्वजनिक जीवन से अवकाश
वे हमेशा खुशमिजाज़ नज़र आए और उनके व्यक्तित्व और ज़िंदगी की कहानी ने पूरी दुनिया को रिझाया.
पांच साल राष्ट्रपति बने रहने के बाद 1999 में उन्होंने कुर्सी छोड़ी और दक्षिण अफ़्रीका के सबसे प्रभावशाली राजनयिक साबित हुए. उन्होंने एचआईवी और एड्स के ख़िलाफ़ मुहिम छेड़ी और दक्षिण अफ़्रीका के लिए 2010 के फ़ुटबॉल विश्व कप की मेज़बानी हासिल करने में भी उनकी भूमिका रही. मंडेला कॉंगो, बुरूंडी और अफ़्रीका के अन्य देशों में शांति बहाल करने की प्रक्रिया में भी शामिल रहे. साल 2001 में उन्हें पता चला कि उन्हें प्रोस्टेट कैंसर है और 2004 में उन्होंने सार्वजनिक ज़िंदगी से ये कहकर संन्यास लिया कि वो अपने परिवार और दोस्तों के साथ ज़्यादा समय बिताना चाहते हैं और 'आत्मचिंतन' में वक्त लगाना चाहते हैं.
कार्यक्रमों और समारोहों के लिए न्योता भेजनेवालों के लिए उन्होंने संदेश दिया, "आप मुझे फ़ोन मत कीजिएगा, मैं आपको फ़ोन कर लूंगा."
राजसी बचपन
उनके पिता थेंबू राज परिवार में सलाहकार थे और जब उनकी मृत्यु हुई तो नेल्सन मंडेला नौ साल के थे.
उनका बचपन थेंबू कबीले के मुखिया जोंगिनताबा दलिनदयाबो की देखरेख में बीता. वो 1943 में अफ़्रीका नैशनल कांग्रेस से जुड़े, पहले एक कार्यकर्ता के तौर पर और फिर उसकी युवा शाखा के संस्थापक और अध्यक्ष के तौर पर. और फिर सालों तक जेल में बंद रहने के बाद वो अफ़्रीकी नेशनल कांग्रेस के अध्यक्ष भी बने.
भूमिगत
"मेरी कल्पना एक ऐसे लोकतांत्रिक और मुक्त समाज की है जहां सभी लोग सौहार्दपूर्वक तरीके से रहें और जिन्हें बराबरी का मौका मिले. ये वो सोच है जिसे हासिल करने के लिए मैं जीना चाहता हूं. लेकिन अगर ज़रूरत पड़ी तो इसके लिए मैं मरने को भी तैयार हूँ."
नेल्सन मंडेला
उन्होंने क़ानून की शिक्षा ली और 1952 में जोहानेसबर्ग में अपने दोस्त ओलिवर टैंबो के साथ वकालत की शुरूआत की. इन दोनों ने रंगभेदी नीतियों के ख़िलाफ़ अभियान चलाया. चार सालों के बाद 1956 में उनपर अन्य 155 लोगों के साथ देशद्रोह का आरोप लगाया गया लेकिन चार सालों तक चली सुनवाई के बाद फिर उन्हें आरोपमुक्त कर दिया गया. रंगभेद के ख़िलाफ़ संघर्ष में तेज़ी आने लगी थी ख़ासकर उस क़ानून का जमकर विरोध हो रहा था जो तय करता था कि काले लोग कहां रह सकते हैं और कहां काम कर सकते हैं. उन्होंने 1958 में विनि मादिकिज़ेला से शादी की जिन्होंने उन्हें जेल से छुड़ाने के अभियान में सक्रिय भूमिका निभाई. अफ़्रीकी नेशनल कांग्रेस को 1960 में प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया गया और मंडेला भूमिगत हो गए.
रंगभेदी सरकार के साथ तनाव और बढ़ा जब 1960 में 69 काले लोग पुलिस की गोलियों का शिकार बनाए गए. उसे शार्पविल हत्याकांड के नाम से जाना गया.
उम्र क़ैद
उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया और उनपर भीतरघात और हिंसक तरीकों से तख़्तापलट का आरोप लगा.
रिवोनिया की अदालत में अपना बचाव खुद करते हुए मंडेला ने लोकतंत्र, आज़ादी और बराबरी पर अपने विचार दुनिया के सामने रखे. उन्होंने कहा, "मेरी कल्पना एक ऐसे लोकतांत्रिक और मुक्त समाज की है जहां सभी लोग सौहार्दपूर्वक रहें और जिन्हें बराबर का मौका मिले." उन्होंने कहा, "ये वो सोच है जिसे हासिल करने के लिए मैं जीना चाहता हूं. लेकिन अगर ज़रूरत पड़ी तो इसके लिए मैं मरने को भी तैयार हूं." उन्हें 1964 के जाड़े में उम्र क़ैद सुनाई गई. बारह महीनों के अंतराल में 1968 और 1969 के बीच उनकी मां की मृत्यु हो गई और उनका सबसे बड़ा बेटा कार दुर्घटना में मारा गया लेकिन उन्हें उनके अंतिम संस्कार में भाग लेने की भी इजाज़त नहीं दी गई.
अंतरराष्ट्रीय अभियान
"विश्व समुदाय ने रंगभेदी दक्षिण अफ़्रीकी सरकार पर 1967 में लगाए गए प्रतिबंधों को और कड़ा कर दिया. दबाव का असर ये हुआ कि 1990 में राष्ट्रपति एफ़ डब्ल्यू डी क्लार्क ने अफ़्रीकी नैशनल कांग्रेस पर लगे प्रतिबंध को हटा लिया और मंडेला को भी जेल से रिहा कर दिया गया."
राष्ट्रपति मंडेला
उन्होंने दक्षिणी अफ़्रीकी लोगों से कहा कि वो एड्स के बारे में खुलकर बात करें जिससे वो भी एक आम बीमारी की तरह ही नज़र आए.
No comments:
Post a Comment