Wednesday 4 December 2013

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के लिए संकट भरा रहेगा यह सत्र

यूपी विधानसभा का शीतकालीन सत्र पांच दिसम्बर से शुरू हो रहा है. विधानमंडल के इस सत्र के काफी हंगामेदार रहने के आसार है. माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के लिए यह सत्र संकट भरा रहेगा. उन्हें इस सत्र में विपक्ष के तीखे सवालों का सामना करना पड़ेगा.   मुजफ्फरनगर के दंगे से लेकर गन्ना किसानों की समस्याओं पर विपक्ष सरकार को घेरेगा. भाजपा ने भी अपने विधायक संगीत सोम व सुरेश राणा के ऊपर रासुका लगाने के मामले को सदन में विशेषाधिकार हनन के रूप में उठाने का फैसला किया है. मुजफ्फरनगर दंगे को लेकर हुए स्टिंग ऑपरेशन की जांच रिपोर्ट पर भी सत्र के दौरान सवाल उठ सकते हैं. विपक्ष के ऐसे हमलावर रूख के बीच इस सत्र में अखिलेश सरकार की प्राथमिकता अनुपूरक बजट पारित कराना होगा. विधानमंडल का बीता सत्र अगस्त में हुआ था. तब भी अनुपूरक बजट पारित कराया गया था. लोकसभा चुनाव से पहले आम बजट प्रस्तुत नहीं होने की उम्मीद के चलते पांच दिसंबर से हो रहा शीतकालीन सत्र सरकार और विपक्ष दोनों के लिए काफी महत्वपूर्ण है. विपक्ष इस सत्र के दौरान अखिलेश सरकार के नकारापन का खुलासा करने पर तुला है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी कहते हैं कि अखिलेश सरकार हर मोर्चे पर पूरी तरह नकारा साबित हो चुकी है. ऐसे में भाजपा सदन में गन्ना मूल्य में वृद्धि न होने और पेराई सत्र में देरी को लेकर सपा सरकार को घेरेगी. इसके अलावा मुजफ्फरनगर दंगे को लेकर विस्थापितों के लिए घोषित नीति पर सुप्रीम कोर्ट की प्रतिकूल टिप्पणी और संगीत सोम व सुरेश राणा पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाए जाने को एडवाइजरी बोर्ड की मंजूरी न मिलने जैसे मुद्दे भी उठाएंगे.
कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता प्रदीप माथुर भी सदन में अखिलेश सरकार को घेरने का कोई मौका ना गंवाने का दावा करते हैं. माथुर का कहना है कि गन्ना संकट के अलावा दंगा व कानून व्यवस्था आदि मुद्दों को पूरी तैयारी से उठाया जाएगा. प्रदेश खाद्य सुरक्षा कानून न लागू करने के सवाल पर सरकार को घेरेंगे. बसपा के स्वामी प्रसाद मौर्य कहते है कि सपा सरकार के कार्यकाल को भले ही 20 माह बीतने वाले हों, लेकिन कानून-व्यवस्था के मामले में प्रदेश की स्थिति आज भी बदतर है. रालोद विधानमंडल दल नेता दलवीर सिंह का कहना है कि अखिलेश सरकार ने सूबे के गन्ना किसानों की घोर अनदेखी की है और ‍चीनी मिल मालिकों के दबाव में गन्ना किसानों की समस्याओं को नजरदांज किया गया है. रालोद सदन में गन्ना किसानों की समस्याओं को लेकर अखिलेश सरकार को घेरते हुए अखिलेश सरकार को किसान विरोधी सरकार साबित करने का प्रयास करेगा.  विपक्षी दलों के इस हमलावर रूख का सामना सदन में अखिलेश यादव को करना होगा. विपक्ष के इस तीखे हमले से अखिलेश को आजम खां और शिवपाल सिंह यादव कैसे बचाते हुए अनुपूरक बजट पास कराएंगे ? विधानसभा के सत्र में ही अब इसका खुलासा होगा. फिलहाल सूबे के संसदीय कार्यमंत्री आजम खां का दावा है कि विपक्ष के सभी हमलों का जवाब सदन में दिया जाएगा.

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