Sunday 10 April 2016

भारत में अब भी सिर्फ 27 फीसदी महिला कर्मचारी

खेल हो या राजनीति, विज्ञान हो या तकनीक, महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। हालांकि भारत के कार्य बल में उनकी हिस्सेदारी अब भी बेहद कम है। देश के कुल कामकाजी लोगों में सिर्फ 27 फीसदी महिलाएं हैं। इंडिया स्पेंड की ओर से जुटाए गए आंकड़ों के मुताबिक भारत में पिछले 10 सालों में 2.5 करोड़ महिलाओं ने नौकरी छोड़ी है। कार्य बल में महिलाओं की हिस्सेदारी के मामले में हम बांग्लादेश और नेपाल से भी पीछे हैं। भारत के कामकाजी लोगों में महिलाओं की संख्या बेहद कम है। इस मामले में हमारा देश दक्षिण एशिया में सिर्फ पाकिस्तान से ही बेहतर स्थिति में है। इंडिया स्पेंड की ओर से जुटाए आंकड़ों के मुताबिक स्वास्थ्य और शिक्षा के लिहाज से महिलाओं की स्थिति पहले से काफी बेहतर हुई। बावजूद इसके कार्य क्षेत्र और पेशेवर जगत में उनकी भागीदारी बढ़ने के बजाय घटती जा रही है।

शिक्षा में स्थिति बेहतर हुई पर काम में नहीं
इंडिया स्पेंड के आंकड़ों पर गौर करें तो साल 2005 में सेकेंडरी एजुकेशन से जुड़े कोर्स में जहां 49.5 फीसदी महिलाएं शामिल थीं वहीं 2012 में इनकी हिस्सेदारी बढ़कर 69.4 फीसदी हो गई। इसी तरह स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी उनकी स्थिति में सुधार हुआ है। साल 2005 में जहां जन्म के समय महिलाओं की औसतन जीवन प्रत्याशा 65.4 साल थी, वहीं साल 2012 में यह बढ़कर 68.7 साल हो गई। स्वास्थ्य और शिक्षा में स्थिति सुधरने के बावजूद कार्य बल में महिलाओं की भागीदारी कम हुई है। साल 2005 में देश के कुल कामकाजी लोगों में जहां 36.9 फीसदी महिलाएं थीं, वहीं साल 2012 में उनकी हिस्सेदारी घटकर 26.9 फीसदी पर पहुंच गई।

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