Tuesday 29 October 2013

हमें पीएम बनो दो झूठा ही सही


उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव अब प्रधानमंत्री बनने का सपना दिन में देखने लगे हैं। बार-बार वह सपने में यह बात जरूर बुदबुदाते होंगे कि एक बार कोई हमें पीएम बना दो झूठा ही सही। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को यह कहते हुए जरा सी भी शर्म महसूस नहीं होती कि नेताजी यानी मुलायम सिंह जी ने हमें पूर्ण बहुमत मिलने पर मुख्यमंत्री बनाया, अब हम सब को मिलकर नेताजी को प्रधानमंत्री बनाना है। आदरणीय मुख्यमंत्री जी आपको यह सोचना चाहिये कि नेताजी ने जब आपको 2012 के विधानसभा चुनाव से पहले रथ पर सवार करके प्रदेश भर में टहलाया तो युवकों, नौजवानों, किसानों और बेरोजगारों ने आपकी आंखो में अपने भविष्य के सुनहले सपने देखे थे। युवओं ने सोचा था कि अखिलेश भैया मुख्यमंत्री बनेंगे तो प्रदेश से जातिवाद, अल्पसंख्यक-बहुसंख्यकवाद, क्षेत्रवाद पनपने के बजाय अमन-चैन का महौल बनेगा और सुन्दर भविष्य की नींव पडेगी, पर हुआ क्या आपकी सरकार आते ही गुंडे और मवालियों की पौ बारह हो गयी। डेढ साल की ही सरकार में 102 साम्प्रदायिक दंगे हो गये। दागी, भ्रष्ट और बेईमान अफसरों की चांदी हो गयी। झूठे वादों की झडी लगने लगी। भला अब आपके बहकावे में कौन आये और नेताजी को प्रधानमंत्री क्यों बनाये। 29 अक्टूबर 2013 को आजमगढ में आईटीआई के मैदान में देश बचाओ देश बनाओ रैली करके समाजवादी पार्टी ने अपने लक्ष्य-2014 अभियान की शुरूआत किया। यहां नेताजी ने अपने भाषण में यह नहीं बताया कि पिछले पखवारे में आजमगढ में जहरीली शराब पीने से 45 लोगों की मौत हो गयी, इसके लिए दोषी कौन है। सच अगर आप जानेंगे तो पैरों तले की जमीन खिसक जाएगी। सपा के सरकार में सत्ता के संरक्षण में माफियाओं द्वारा मिलावटी शराब खुले आम बेंची जा रही है। उसी का एक नमूना यह आजगमढ की घटना रही। नेताजी को अपने भाषण में इस बात का भी समावेश करना चाहिये था, कि पूर्वांचल में आखिर जापानी बुखार के कहर से मासूम बच्चों की मौत आखिर कब तक होती रहेगी। नेताजी को यह भी बताना चाहिये था कि प्रदेश के पश्चिमी जिलों में दंगों के मुख्य अभियुक्त सरकारी हेलीकाप्टर पर कैसे सवार होकर मुख्यमंत्री आवास पर दावत उडाते रहे। नेताजी को यह भी बताना चाहिये कि प्रदेश में बिजली की व्यापक कटौती कब तक होती रहेगी। कानून व्यवस्था कब तक सुधरेगी। जिस दिन आजमगढ में यह रैली थी, ठीक उसके एक दिन पहले बलरामपुर, कानपुर और बाराबंकी में सपा नेताओं ने उत्पात मचा रखा था। बलरामपुर में सपा विधायक आरिफ अनवर हाशमी के चार भाईयों ने सल्लाहनगर निवासी ज्ञानचंद सोनी को खुलेआम दोपहर दो बजे के करीब नगर कोतवाली के सामने सडक पर बेरहमी से पीटा। बचने के लिए ज्ञानचंद कोतवाली गया तो वहां भी पहुंचकर विधायक के भाईयों ने उसे मारापीटा। कानपुर में दर्जा प्राप्त मंत्री आत्मप्रकाश शुक्ल के बेटे ने पराग के महाप्रबंधक के साथ अभद्रता की। बारांबंकी में सपा के प्रदेश उपाध्यक्ष व जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन धीरेन्द्र वर्मा के भाई अरूणेन्द्र वर्मा ने ब्लाक कार्यालय में घुसकर सहायक लेखाकार रमाकंात पाण्डेय की पिटाई की। एक दिल पहले प्रतापगढ में पूर्व मंत्री राजेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह के भतीजे को गोली मारकर छह लाख रूपये की लूट की घटना घटी। जिस दिन नेताजी आजमगढ में भाषण दे रहे थे, उसी दिन गाजियाबाद में दिनदहाडे कर्मचारियों से 15 लाख रूपये की लूट हुई। पूरे प्रदेश में दहशत का माहौल है। न मंहगाई पर कोई नियंत्रण न अन्य कोई व्यवस्था सुचारू रूप से चल पा रही है तो आखिर वोट किस बात के लिए चाहिये। अखिलेश को इसका जवाब देना होगा।

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