Friday 18 March 2016

खेती और सहकारिता के समन्वय से किसान बनेंगे खुशहाल

 केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री मोहन भाई कुण्डारिया ने कहा है कि खेती और सहकारिता के समन्वय से ही किसानों को समृद्ध और खुशहाल बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बेहतर कार्य हो रहे हैं और खेती के लिए केन्द्रीय बजट में उल्लेखनीय वृद्धि की गई है। श्री कुण्डारिया ने इस सिलसिले में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना और नई फसल बीमा योजना और ई-मण्डी योजना का भी उदाहरण दिया। श्री कुण्डारिया इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में ‘मेक-इन-इंडिया में सहकारिता की भूमिका-ग्रामीण विकास के संदर्भ में’ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला के समापन सत्र को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्य अतिथि की आसंदी से श्री कुण्डारिया ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य में उन्नत खेती को बढ़ावा देने और किसानों की बेहतरी के लिए लगातार किए जा रहे प्रयासों की भी प्रशंसा की।
लागत कम करने का सुझाव
श्री कुण्डारिया ने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार दोनों का यह प्रयास है कि उन्नत खेती ऐसी तकनीकों का विकास किया जाए, जिससे किसानों को कम लागत में अधिक उत्पादन मिल सके। उन्होंने इस मौके पर कृषि विश्वविद्यालय और महाविद्यालय परिसर में रबी अरहर फसल प्रदर्शन, संरक्षित खेती, टिशूकल्चर प्रयोग शाला और जैव नियंत्रण प्रयोगशाला सहित डॉ. आर.एच. रिछारिया के नाम पर स्थापित अनुसंधान प्रयोगशाला का भी अवलोकन किया।

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