Tuesday 15 March 2016

प्रतापगढ़ में दिनदहाड़े अधिवक्ता की दुस्साहसिक अंदाज में हत्या

बेखौफ बदमाशों ने 15 मार्च 2016 को उत्तर प्रदेश की सत्तारुढ समाजवादी पार्टी की सरकार के चौथी वर्षगांठ पर प्रतापगढ़ में दिनदहाड़े अधिवक्ता की दुस्साहसिक अंदाज में हत्या कर दी। सुबह बाइक से कचहरी आ रहे जवाहर लाल मिश्र (50) पर ओझा का पुरवा के पास कई गोली मारी गईं। घटना से गुस्साए अधिवक्ताओं शव लेकर जिला जज के चैंबर के सामने रख दिया और धरने पर बैठ गए। देर शाम तक धरना जारी था। मुख्यमंत्री ने अधिवक्ता के आश्रितों को दस लाख रुपये दिये जाने की घोषणा की है। लालगंज कोतवाली क्षेत्र के लीलापुर पंडित का पुरवा खरगपुर गांव निवासी जवाहरलाल मिश्र (55) जिला मुख्यालय पर वकालत करते थे। मंगलवार सुबह वह बाइक से कचहरी आ रहे थे। करीब साढे़ 11 बजे वह शहर के करीब नगर कोतवाली के पूरे ओझा गांव स्थित चंद्रशेखर आजाद बाल शिक्षा निकेतन के पास पहुंचे बाइक सवार दो युवकों ने उन्हें रोका और उनके हेलमेट में पिस्टल डालकर कई गोलियां सिर में उतार दी। हेलमेट उनके सिर से नहीं निकला और वह जमीन पर गिर पड़े। करीब आधे घंटे बाद पहुंची पुलिस ने उन्हें मैजिक से जिला अस्पताल भेजा, जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। वकील की हत्या की खबर पर जिला प्रशासन को पहले ही बवाल की आशंका हो गई थी और जिला अस्पताल को छावनी बना दिया गया था। हालांकि तब तक भारी संख्या में वकील पहुंचे और पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों को धक्का देकर शव लेकर चले आए। पहले उनका शव पुलिस लाइंस गेट पर रखकर चक्काजाम किया गया लेकिन जैसे ही पता चला कि पुलिस लाइंस में सरकारी कार्यक्रम में आए जनपद प्रभारी मंत्री सुरेंद्र सिंह पटेल यहां से जा चुके हैं तो लोग शव लेकर पहले कचहरी, फिर जिलाजज कार्यालय पहुंच गए। यहां शव बरफ पर रखकर हमलावरों की गिरफ्तारी की मांग करने लगे। वकीलों का कहना था कि पंचायत चुनाव के दौरान उनके बेटे को गोली मारी गई थी। यही नहीं उनके परिवार वालों पर पिछले सप्ताह भी हमला किया गया था लेकिन उपयुक्त कार्रवाई न करने के कारण उनकी भी हत्या कर दी गई। 

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