Thursday 2 April 2015

सोनिया पर गिरिराज की टिप्पणी अकारण नहीं

1 अप्रैल 2015 को बिहार के हाजीपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में बीजेपी के नेता व मोदी कैबिनेट के मंत्री गिरिराज सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर नस्ली टिप्पणी की। गिरिराज का टिप्पणी क्या करना, देश की राजनीति गरमा गई। कांग्रेस और मोदी सरकार के विपक्षी अन्य सभी दलों के नेताओं ने मोदी सरकार पर हमला बोलना तेज कर दिया। बात इतनी बढ़ गयी कि गिरिराज सिंह को माफी मांगना पड़ा और भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह ने दूरभाष पर फटकार भी लगाई। यह घटना बेंगलुरु में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होने से ठीक दो दिन पहले की है। ऐसे में यह सोचना समीचीन है कि आखिर गिरिराज सिंह ने सोनिया पर ऐसी टिप्पणी क्यों की। सोनिया पर भाजपा की ओर से इस तरह की टिप्पणी पहली बार  नहीं बल्कि समय-समय पर की जाती रहती है। ऐसे में यह दिखता है कि गिरिराज ने यह टिप्पणी अकारण नहीं, बल्कि एक सोची-समझी रणनीति के तहत की है। 20 अप्रैल से मोदी सरकार बजट सत्र शुरु होने जा रहा है। भूमि अधिग्रहण विधेयक को पारित कराना मोदी सरकार ने अपनी प्रतिष्ठा बना लिया है। पिछली बार राज्यसभा में भूमि अधिग्रहण विधेयक पारित नहीं हो सका तो कैबिनेट की बैठक में फिर नौ संशोधनों के साथ नए भूमि अधिग्रहण विधेयक को हरी झंडी दे दी गई है। लोकसभा में यह विधेयक पास हो जाएगा, पर राज्यसभा में फिर दिक्कत आएगी। इस मुद्दे को लेकर कुछ किसान संगठन, अन्ना हजारे और कांग्रेस ने आन्दोलन छेड़ रखा है। जनता का ध्यान भी कमोवेश इसी मुद्दे पर केन्द्रित हो रहा था, क्योंकि वर्तमान में इसके अलावा कोई अन्य मुद्दा चर्चा में नहीं रहा। अब अचानक गिरिराज सिंह ने ऐसा नया मुद्दा कांग्रेस के हाथ में पकड़ा दिया है कि कुछ दिनों तक कांग्रेसी अब इसी मुद्दे पर केन्दित रहेंगे। ऐसे में देश की जनता का मूड भी इस मुद्दे से दूसरे मुद्दे की ओर चला गया।

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